twitterfacebookgoogle pluslinkedinrss feedemail

गुरुवार, 5 जुलाई 2007

जन्मदिन अभिलेख (१)


हे उषा देवीके चंचल कलीके,
युग्म के ललाट की पहली रेखा
दे रहा हूं बधाई सानन्द,
जन्मदिन की अभिलेखा

'प्रतीक्षा' केवल प्रतीक्षा का संगम,
परिवर्तित हुआ इतना
नववर्षकी रजनीमें,नव तुषारका
सघन मिलन होता जितना

जीवन तेरा स्वर्णमयी हो,
बिखरा हो वसंत मधुमयी
भाग्य सर्वदा मीत तुम्हारा,
लाये उमंग हर पल नयी

फ़ले फ़ुले जीवन की बगिया,
नित फ़ुलोंका साज लिये
सजे गीत जीवन में तेरे,
नित नया झंकार लिये

मै हूं आगन्तुक व्यक्ति,
करता अभिलाषा सविशेष
अर्पित शब्दोंकी पंखुरिया,
'प्रतीक्षा' को मधुमय संदेश